Jija Sali Sex Story:-मेरी हॉट साली की चूत मुझे मिली
Hello! दोस्तों मेरा नाम Manoj है। आज में आपके साथ अपनी ज़िन्दगी की बहुत ही Sali ki hot Story सुनाऊंगा!
दरअसल बात उस समय की है जब मेरी उम्र सिर्फ 22 वर्ष रही होगी, मेरी शादी हुई को अभी 8 महीने ही हुए थे कि ससुराल वालों ने मेरी साली की शादी तय कर दी। मैंने जिंदगी में पहली बार अपनी पत्नी के साथ ही sex किया था और कभी किसी दूसरी लड़की के साथ मेरे सम्बन्ध नहीं रहे थे, मैंने कभी कोशिश भी नहीं की थी।
मेरे ससुराल में मेरी एक सगी साली थी और तीन चाचा चाची की लड़कियाँ भी थी। चाची की लड़की का नाम रेनू और उम्र लगभग उन्नीस वर्ष है देखने में बहुत ही सेक्सी और हॉट लगती थी । वैसे देखने में तो मेरी बीवी भी कम नहीं थी उसका भी बुर बहुत अच्छा था जब मैने उस के साथ भी पहले बार sexकिया तो मुझे बहुत मज़ा आया क्यूंकि मैने पहले बार किसी लड़की को चोदा था और आपको तो पता ही होगा की पहले बार किसी के साथ sexकरने में कितना मज़ा आता है बुर पहले बार मैने अपने बीवी का चटा था पर बीवी और साली में फर्क यह है कि साली का चुचे और सुडोल शरीर और बड़ी बड़ी गांड ज्यादा ही सेक्सी हैं।
उस दिन हम शाम करीब तीन बजे ससुराल में पहुँचे। पहुँचते ही हमारा स्वागत मेरी सगी साली ने किया, वो दरवाजे पर ही मिल गई थी। उसके बाद हम घर के बाकी लोंगों से मिले और फिर सब धीरे धीरे अपने अपने काम में लग गए। चाची की लड़की रेनू पाँच बजे हमारे पास आई, आकर अपनी बहन को गले मिली, और मुझे नमस्ते करके बैठ गई। मेरे बगल में
तो मैंने पूछा- क्या मुझे से गले नहीं मिलोगी?क्यूंकि मुझे भी उसको देख कर उसको गले लगाने का मन करने लगा
तो उसने मजाक में कहा,”आप से गले मिलने से कहीं आपको कर्रेंट न लग जाये !”
मैंने कहा,”कितनी वोल्ट है आप में ?”
तो बोली,”यह तो मिलने से ही पता चलेगा !”
मैंने अपनी बीवी की तरफ देखा और उसे कहा,”तुम बताओ कि कहाँ मिलना है?”
मेरी बीवी ने और मैंने इसे मजाक ही समझा था लेकिन रेनू के अन्दर कुछ और चल रहा था। उस वक्त बात आई-गई हो गई। फिर वो भी अपने अपने काम में लग गई। मैं अपने साले के साथ बाज़ार में चला गया और हम रात आठ बजे के करीब आये। विवाह के कारण किसी साली से जयादा बात नहीं हो पाई और ऐसे ही रात के दस बज गए।
रात दस बजे तक रेनू घर में रही और ऐसे ही घर में काम करती रही। मुझे अपने घर में जल्दी सोने की आदत है तो मुझे नींद आने लगी मैं दस बजे सो गया। हमारा बिस्तर अलग लगाया गया था, तो मैं अकेले ही सोने चला गया, मैंने सोचा मेरी बीवी बाद में आ जाएगी।
जब मेरी बीवी आई तो मैंने समय देखा, रात के साढ़े ग्यारह बज रहे थे, मेरी बीवी ने दरवाजा लगा दिया, चिटकनी नहीं लगाई थी। हम बेड पर सोने चले गए। दोनों ने प्यारर से एक दूसरे को चूमा और फिर मैने अपने बीवी के बुर में उंगली डाल कर थोड़ा अंदर बाहर किया लेकिन मेरी बीवी को थकावट होने के कारण वो कोई फील नहीं दे रही थी फिर मैने भी छोड़ दिया और अलग और कर बातें करते करते हमें पता ही नहीं चला कब नींद आ गई।
सोते सोते मुझे अचानक दरवाजा खुलने की आवाज आई तो मैंने देखा मेरी बीवी बेड पर नहीं थी और रेनू मेरे कमरे में आ रही थी। मैंने समय देखा तो रात का डेढ़ बज रहा था। फिर रात का माहौल था और मुझे भी किसी का बुर चात ने का किसी को गोड़ी बन कर खूब चोदो का मन कर रहा था और उस टाइम है वो आगयी फिर भी मैने अपने मन को काबू किया की नहीं ये नहीं करना और मैंने रेनू से पूछा,”किरण (मेरी बीवी) कहाँ है?”
तो उसने बताया,”वो तो बारह बजे ही लड़कियों के साथ मेहँदी लगाने चली गई थी, मैं भी वहाँ थी, सब लड़कियाँ वहाँ ही सो जाएँगी।”
तो मैंने पूछा,”रेनू, तुम यहाँ क्यों आ गई?”
तो बोली,”मुझे नींद नहीं आ रही थी तो सोचा जीजाजी के पास चलते हैं ! लेकिन उस के मन में तो कुछ और ही था उसको भी चुत में लण्ड लेना था सात इंच का
और फिर सच मन उसे देख कर मेरा भी मन मचलने लगा था और मेरी सारी नींद उड़ चुकी थी। और मुझे भी भी उसको चोदने का मन करने लगा क्यूंकि उसका शरीर बहुत है हॉट था और उस के बूब्स बहुत बड़े बड़े थे मन ो जैसे एक चूचे 2 किलो के हो मैंने रेनू से पूछा,”बाहर कौन-कौन जग रहा है?”
तो उसने कहा,”मैं सब देख कर आई हूँ, बाहर इस घर में कोई भी जाग नहीं रहा है।”
बात करते करते ही उसने धीरे से दरवाजे की कुण्डी लगा दी क्यूंकि उसको भी अब चुदने का मन कर रहा था अब उसकी भी जवानी चढ़गयें थी और बुर के अंदर खुजली हो रही थी की कोई आए और मुझे चोदके बुर क अंदर उंगली कर के मेरे चूचे दबा कर मुझे बहुत मज़ा दे । फिर मन तो मेरा भी था लेकिन मैंने सोचा अगर मेरी बीवी आगए तो क्या होगा फिर मैंने कहा अपने साली से ,”अगर तुम्हरी बहन आ गई और उसने ऐसे देख लिया तो मुश्किल हो जाएगी।”
रेनू पहले से ही गर्म थी, पता नहीं कब से मन में यही सोच रही होगी। रेनू की आँखों में देखने से पता चल रहा था कि वो बहुत गर्म है और चुदाई के लिए पागल हो रही है।
फिर क्या था मुझे भी अब उसको देख क्र उससे चोदने का मन करने लगा फिर मैंने भी उसको पकड़ा और बाँहों में लेकर चूमा वो तो मुझ से चिपक ही गई थी।
मैंने उसे मजाक में पूछा,”रेनू, तुझ में तो बहुत करंट है?”
रेनू तो जैसे समय देखकर आई थी और चुदाई के लिए पागल हो रही थी, बोली,”विशाल जीजू मैं आपसे से बहुत देर से इस प्यास को मिटाने के लिए तरस रही थी, आज मौका मिला है, मैं इसे खोना नहीं चाहती !”और मुझसे और जोर से लिपट गई। और मैरी लण्ड को हाथ से पकड़ कर सहलाने लगी फिर मुझे भी बहुत मन लगने लगा और बहुत मज़्ज़ा भी रहा था जैसे की में अब धीरे धीरे जन्नत में जा रहा हूँ
मैंने मौके का फायदा उठाना शुरू किया, उसे जोर से जफ्फी में लिया। पाँच-छः मिनट ऐसे ही रहने के बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके स्तनों को सहलाना शुरू किया। उसे भी मज़ा आ रहा था, उसने भी सहलाना शुरू किया और धीरे धीरे उसका हाथ मेरे पजामे की तरफ चला गया।
मेरा लंड भी अपने पूरे जोश में था, मैंने उसका शूट ऊपर उठाया और उसने भी शॉर्ट निकालने में देर नहीं लगाई, मैंने साथ ही उसकी ब्रा की हुक भी खोल दी, उसके गोरे मम्मे बड़े रसीले थे, मैंने धीरे-धीरे उसको चात ना शुरू किया, उसके चुचूक को दबाया, उसके मुँह से धीरे-धीरे आवाजें आनी शुरू हो गई थी।
इसी बीच उसने मेरे पजामे में हाथ डाल दिया और मेरा पजामा नीचे कर दिया। पांच मिनट चूसने के बाद मैंने उसकी चूत को ऊपर से ही सहलाना शुरू किया, उसकी चूत तो पहले ही काफी गीली हो रही थी, मैंने उसका नाड़ा खोल दिया, उसकी सलवार को नीचे सरका दिया।
रेनू बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी, नड़ा खुलते ही बोली,”विशाल अब देर मत करो ! मुझे और मत तरसाओ। मुझे चोदो और मुझे बहुत मज़्ज़े दो अब और अपना लण्ड मेरे बुर में घुस्सा कर मुझे छोडो ”
फिर मैंने भी उसकी गोरी टांगों को चूमना शुरू किया। फिर मैंने उसकी टांगों को ऊपर उठाया और उसकी टाँगों के बीच में अपने घुटनों के बल बैठ गया। इससे मेरा लंड उसकी चूत के बिल्कुल नज़दीक आ गया था। मैंने लंड का टोपा उसकी चूत के ऊपर लगाया और हल्का सा धक्का लगाया। चूत पूरी गीली थी और आधा लंड अंदर चला गया।
इस तरह मैंने पहले कभी अपनी बीवी के साथ ऐसे sex नहीं किया था, मुझे इसमें दिक्कत आने लगी। मैंने उसकी एक टांग नीचे करके एक टांग अपने कंधे पर रख ली। इस तरह लंड अच्छी तरह अंदर चला जाता है, मैंने फिर उसकी चूत में लंड डालने की क्रिया शुरू की। पूरा लंड अंदर जाते ही उसने मुझे जोर से भींच दिया और हल्के से आवाज़ें निकलने लगे मन ो उस को भी ज़न्नत में जाने का आनंद मिल रहा हो और उसको बहुत दर्द दे रहा था क्यूंकि वो पहले बार मुझ से चूड रही थी । मुझे पता चल गया कि रेनू ज्यादा देर तक रह नहीं पायेगी, मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर उसका पूरा मुँह बंद कर दिया और जोर से धक्का लगाया। जोर से धक्का लगाने से अब रेनू को को भी अब मन लगने लगा है सो मैंने अपना लंड दबा कर रख कर कुछ देर तक उसको सहलाने की क्रिया शुरू की।
रेनू ने कहा,”विशाल जीजू , मेरी प्यास बुझा दो और मुझे सारे sex position से मुझे आज आप जीजू चोदो और मुझे पुरे मज़्ज़े दो मेरे चूत को पूरा मज़्ज़े दो !”
मैंने काम शुरू कर दिया और जोर से धक्का लगाना शरू कर दिया, रेनू ने भी नीचे से अपने कूल्हे हिला-हिला कर साथ देना शुरू कर दिया था।फिर मैने भी अपना 7 इंच का लण्ड उस के चुत में डाल कर जोर जोर से धक्का मार नै लगा
रेनू दो मिनट में ही चरम पर पहुँच गई और ठंडी पड़ गई। मैंने कुछ देर रुकने के बाद उसको घोड़ी की अवस्था में किया और पीछे से उसकी चूत को चोदना शुरू किया। दो मिनट में मेरा भी पानी निकल गया।
मैंने उसको लिटा दिया।
हम दोनों कुछ देर इसी दशा में रहे, फिर मैंने पूछा- रेनू कैसा लगा जीजा का लण्ड का दिया हुआ करंट ?
उसने मुस्कुरा कर मुझे चूम लिया और कहा- जीजाजी, आप बहुत शरारती हो ! अब मैं आपकी साली नहीं रही क्यूंकि आज मुझे भी चोद कर अपना बीवी का शुक दिया है !
मैंने कहा- रेनू, मैंने कभी तुम्हारे बारे में ऐसे नहीं सोचा था। लेकिन साली का ख्याल रखना भी तो जीजा का फ़र्ज़ होता है, अब जब तक तुम्हारी शादी नहीं होती, तब तक तुम जब चाहो अपनी बुर प्यास मिटा लेना अपने जीजू का लण्ड चूस कर , लेकिन अपनी दीदी का ख्याल रखना !
जीजा-साली का यह सिलसिला डेढ़ साल तक चला, हम कई बार मिले और मैंने साली को पूरी घरवाली बना डाला और बहुत चोदा उसको उस के चुत को चोद चोद कर के चूत का चौबारा बना दिया । अब वो भी अपनी शादी के बाद अपने घर में खुश है और मैं भी खुश हूँ। रेनू की शादी के बाद हम दोनों ने कभी वैसा नहीं किया, अब हम दोनों जीजा-साली की तरह ही मिलते हैं और सब ठीक-ठाक है।
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